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₹5000 का नोट आ रहा है मार्केट में, नए साल के मौके पर आरबीआई का बड़ा घोषणा |
₹5000 का नोट आ रहा है मार्केट में, नए साल के मौके पर आरबीआई का बड़ा घोषणा₹5000 का नोट आ रहा है बहुत ही जल्दी बड़ा अपडेट? क्या बोल रहा है RBI? वर्तमान भारत के सबसे बड़ा करेंसी है ₹500 और ₹2000 रूपये जब से बंद हुआ है तब से तब से वेबसाइट तौर पर आर्थिक तौर पर लेनदेन पकड़िया में बहुत ही समस्या उत्पन्न हुआ है। जिसके चलते सरकार बहुत दिन से वर्तमान समय में चिंतित है, उच्च मूल्य अंकन नोटों को लेकर। |
वर्तमान भारत के सबसे बड़ा करेंसी है ₹500 और ₹2000 रूपये जब से बंद हुआ है तब से तब से वेबसाइट तौर पर आर्थिक तौर पर लेनदेन पकड़िया में बहुत ही समस्या उत्पन्न हुआ है। जिसके चलते सरकार बहुत दिन से वर्तमान समय में चिंतित है, उच्च मूल्य अंकन नोटों को लेकर।
कुछ महीनो से सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा चल रही है, सुनने में आ रहा है, Reserve Bank of India ₹5000 का नोट बहुत ही जल्दी मार्केट में लाने की सोच रहे हैं। जब से ₹2000 का नोट बंद हुआ है तब से इसकी चर्चा और भी बढ़ गया है।
₹1000 का 1958 मे चालू हुआ था जो की 24 साल तक चला था। इसके बाद 1978 मे तत्कालीन प्रधानमंत्री मोर रोजी देसाई यह 3 नोट निकासी कर लेते है।
सूत्र के अनुसार पता चला है आरबीआई ने कहा है कि अभी फिलहाल ऐसा कोई संभावना नहीं है, लेकिन आरबीआई ने बताया है।मार्केट से जरूर ₹2000 का नोट बंद कर दिया गया है, लेकिन उसके विकल्प में ऐसा कोई भी ऑफिशल अनाउंसमेंट नहीं हुआ है जिससे कि वह मार्केट में ₹5000 का नोट लाये। आरबीआई ने कहा है फिलहाल तो ऐसा उनका कोई भी मोटिव नहीं है लेकिन फ्यूचर में कहा नहीं जा सकता।
वर्तमान समय में देखा जाए तो नोटों में सबसे बड़ा नोट है ₹500 रुपया उसके बाद आता है ₹200,₹100,₹50,₹20,₹10 यही सब मार्केट में अभी चल रहा है।
RBI स्पष्ट कर चुका है, वर्तमान समय मे भारत का अर्थ नीति व्यवस्था चलाने के लिए यही नोट पर्याप्त है, तो में लौट लाने के बारे में उन्होंने सोचा ही नहीं है जो भी आप लोगों को सुनने को मिल रहा था वह सभी अफवाह है, जो कि सोशल मीडिया का बनाया हुआ एक भ्रम है।
और आरबीआई का यह भी कहना है की मार्केट में 50,100,200,500, का नोट मार्केट में चल रहा है और उससे ज्यादा अभी के समय पर सबसे ज्यादा जो हो रहा है वह ऑनलाइन ट्रांजैक्शन तो इसी कारण से आरबीआई ने ऐसा कुछ भी सोचा नहीं है।
वर्तमान समय में डिजिटल पेमेंट लेनदेन के चलते नोटों का व्यवहार और भी काम हो रहा है, जिस कारण से सरकार अभी डिजिटल पेमेंट की तरफ ही ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, इसी के चलते नोटों का उपयोग कम हो रहा है।